Hindi kahaniya for kids | कहानी दो दोस्तों की | Top Hindi Kahani
Hindi kahaniya for kids | कहानी दो दोस्तों की | Top Hindi Kahani
हेलो दोस्तों कैसे है आप सब आशा करता हु आप सब अच्छे होंगे। तो फिर आज की कहानी है Hindi kahaniya for kids | कहानी दो दोस्तों की। आशा करता हु यह कहानी आपको अच्छी लगे। और यह Moral stories in hindi आपके जीवन में कुछ मुल्ये जोड़ पाए। तो चलिए शुरू करते है कहानी दो दोस्तों की।
यह कहानी है दो ऐसे दोस्तों की जो एक छोटे से गाऊँ में रहा करते थे। उन दोनों की दोस्ती की चर्चा आस पास के सभी गाओं में हुआ करती थी। और इसका कारण था उनके मन में एक दूसरे के प्रति प्यार। वो दोनों अपने दिन का जायदा तर समय एक दूसरे के साथ बिताया करते थे।
यहाँ दोस्तों आपको एक और बात से परिचित करा देना चाहिए की जो उन दोनों दोस्तों की उम्र थी वो बोहोत चौका देने वाली थी। जायदातर हम सब ने देखा है की जो दोस्ती होती है वो अपनी उम्र वालो के साथ ही होती है। पर जनाब ये तो दोस्ती है उम्र देख के नहीं होती ये तो बस हो जाती है। इसी तरह उन दोनों की उम्र में 5 साल का अंतर था। उनमे से एक लड़का जिसकी उम्र 15 साल रही होगी और वही दूसरे लड़के की उम्र 10 साल। इसके बावजूद उन दोनों की आपस में बोहोत अच्छी बनती थी। या यु कहे लीजिये की उनके बिच की twinning बोहोत अच्छी थी।
एक दिन वह दोनों दिन के समय में खेलते खेलते - जाने अनजाने गाऊँ से बोहोत दूर जा निकलते है। और उतने में बड़े लड़के का पैर फिसल जाता है। और वो गहरे पानी के कुऑं में जा गिरता है। उस लड़के को तैरना नहीं आता था। वो अपनी मददत के लिए जोर जोर से चिल्लाने लगता है। पर आस-पास, दूर-दूर तक कोई नहीं होता उन दोनों को कुछ समझ नहीं आरा होता की अब वो दोनों क्या करे।
इतने में 10 साल वाले लड़के की नजर कुये के पास रखे एक रस्सी से बंदी बाल्टी पर पड़ती है। उसने बिना कुछ सोचे समझे उस बाल्टी को कुऑं में फेक देता है। और अपने दोस्त को हौसला दिलाते हुए उप्पर से चिल्लाता हुआ बोलता है। "इस रस्सी को पकड़ मेरे दोस्त में तुझे यहाँ से बहार निकालता हु" इतने में उसके दोस्त ने बिना कुछ समझे उस रस्सी को पकड़ लेता है।
10 साल का बच्चा Hindi kahaniya for kids अपनी जीतोड़ महेनत से अपने दोस्त को बहार निकालने के लिए प्रयास करे जा रहा था। और काफी देर की जीतोड़ महेनत के बाद वो 10 साल का बच्चा अपने दोस्त को बहार निकाल लेता है।
बहार आके दोनों बच्चे बोहोत खुश थे पर अंदर से उनको एक दर था की अगर ये बात उनके गाऊँ वालो को पता चलेगी तो वो उनको बोहोत दाट वा मार लगाएंगे। वो दोनों हिम्मत करके अपने गाऊँ पोहोचते है। गाऊँ पहोचने के बाद वो दोनों अपने गाऊँ वालो को बताते है की आज दिन में उनके साथ क्या घटना घटी। पर उनके बताने पर उनके परिवार वाले, गाऊँ वाले कोई उनके उप्पेर भरोसा नहीं करता।
उनके गाऊँ में एक कबीर चाचा रहा करते थे जोकि बोहोत समझदार और सुलझे हुए इन्शान थे। गाऊँ के सभी लोग उनके पास जाते है। इस बात का पता लगाने की 10 साल का बच्चा जिसमे इतनी ताकत भी नहीं थी की वो एक पानी से भरी बाल्टी को भी उठा पाता उसने एक 15 साल के बच्चे को कैसे उठा लिया।
जब यह सब बात उन्होंने कबीर चाचा को बताई तो कबीर चाचा मुस्कुरा उठे और उन्होंने हस्ते हुए बोला की में इसमें क्या बताऊ ये बच्चे बता तो रहे है की इन्होने एक दूसरे की मददत कैसे करी। गाऊँ वालो ने फिर जोर लगाते हुए पुछा की ये 10 साल का बच्चा 15 साल के बच्चे को कैसे उठा सकता है ?
इतने में कबीर चाचा ने बोला की "जब ये दोनों मुसीबत में थे उस समय वहा इनकी मददत करने वाला कोई नहीं था। और ना इनको ये बोलने वाला की ये काम यह नहीं कर सकते। इनको किसी ने बताया ही नहीं की यह काम इनके बस्का नहीं है। "
निष्कर्ष :- कभी-भी आप अपने आपको कम मत आंकिये आप वो सब कर सकते है जो आप सोच सकते है। और आप वो सब सोच सकते है जो आपने कभी सोचा ही नहीं।
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