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मेहनत का महत्व | Hindi Moral Story For Kids | बच्चों की कहानियाँ

मेहनत का महत्व | Hindi Moral Story For Kids | बच्चों की कहानियाँ

मेहनत का महत्व | Hindi Moral Story For Kids | बच्चों की कहानियाँ

Hindi Moral Story For Kids

हेलो मेरे प्यारे दोस्तों कैसे है आप। आशा करता हु आप सभी अच्छे होंगे। तो दोस्तों आज में आपके लिए एक बेहद अच्छी कहानी लेके आया हु। जिसका शीर्षक है मेहनत का महत्व | Hindi Moral Story For Kids. यह कहानी है एक ऐसे लड़के की जो हमेशा मेहनत करने से बचता। और अपना काम ओरो पर दाल देता। तो दोस्तों हम जानेंगे की कैसे वह लड़का अपने जीवन में मेहनत का महत्व समझता है।

तो दोस्तों यह कहानी है एक राहुल नाम के लड़के की। जोकि एक समझदार लड़का था। लेकिन वह पढ़ाई लिखाई के मामले में हमेशा मेहनत करने से बचता था। एक बार की बात है राहुल के पिताजी झूठे बर्तन धो रहे थे। राहुल के पिता कई दफा राहुल की माँ को अराम देने के लिए घर के काम कर दिया करते थे। और हो भी क्यों ना हर आदर्श पति को ऐसे काम करके अपने हमसफ़र की मददत करनी चाहिए। 

बर्तन धोते समय राहुल के पिताजी से राहुल का मन पसंद चाय का कप टूट जाता है। वह कप राहुल को बोहोत पसंद था। उसके कप टूट जाने से राहुल को बोहत बुरा लगा। फिर राहुल की माँ ने राहुल को पैसे देते हुए बोला बाजार से अपने लिए एक अच्छा और नया कप ले आना। 

पहली बार राहुल को इस तरह का कोई काम मिला था। वह मन ही मन खुश हो रहा था की चलो इसी बहाने उसे बाहर जाने को मिलेगा और उतनी देर उसे कोई पढ़ने के लिए नहीं कहेगा। वह पास के बजार में पंहुचा और इधर-उधर कप खोजने लगा। वह जो भी कप उठाता उसमे कोई न कोई कमी होती। कोई कमजोर होता तो किसी की डिज़ाइन अच्छी नहीं होती। काफी खोजने पर भी उसे कोई अच्छा कप नहीं दिखाई दिया और वो मायूस घर वापस लौटने लगा। 

तभी उसकी नजर सामने की दूकान में रखे एक लाल रंग के कप पर जा पहोची और उसी कप पर राहुल की नजर टिकी। उसकी चमक और खूबसूरती देख राहुल खुश हो गया और झट से दुकानदार से वो कप हाथ में ले देखने लगा। 

कप वाकई मेंबहुत अच्चा था। उसकी मजबूती, उसकी चमक, उसकी शानदार डिजाईन। हर चीज परफेक्ट थी। राहुल ने वो कप खरीद लिया और घर चला गया। रात को राहुल अपने साथ उस कप को लेके बिस्तर पर लेट गया। और देखते ही देखते ही उसको नींद आ गयी। 

वह गहरी नींद में सो रहा था की तभी उसे एक आवाज सुनाई दी.........राहुल.......राहुल। 

राहुल ने आँख खोली तो देखा वह कप उसके साथ बात कर  रहा था। 

कप ने बोला - में जानता हु की में तुम मुझे बोहोत पसंद करते हो। पर क्या तुम जानते हो में पहले ऐसा नहीं था। 

राहुल - नहीं मुझे नहीं पता तुम ही मुझे बताओ की तुम पहले कैसे थे।

Hindi Moral Story For Kids

कप - एक समय था जब में मामूली लाल मिट्टी हुआ करता था। फिर एक दिन एक व्यक्ति मुझे अपने साथ ले गया। उसने मुझे जमीन पर पटक दिया और मेरे ऊपर पानी दाल कर अपने हाथो से मुझे मिलाने लगा। मैने चिल्लाया की अब बस करो मुझ पर और अत्यचार मत करो।........ लेकिन उसने हस्ते हुए बोला अभी थोड़ा और। 
मेने बहुत कष्ट सहे। जब वह थोड़ी देर के लिए रुका तो मुझे लगा की बस अब जो होना था हो गया। अब में अपने आप को पहले से बोहोत अच्छी स्थिति में महसूस कर रहा था। पर लेकिन इतने में उस व्यक्ति ने मुझे उठाकर एक घुमते हुए चक्के पर फेक दिया। वह चका इतनी तेजी से नाच रहा था की मेरा तो सर ही चकरा गया। 

में चिल्लाता रहा.....अब बस....अब बस। लेकिन वह व्यक्ति कहता अभी और.......अभी और। और वह मुझे डंडे और हाथ से अकार देता रहा। जब तक की में एक कप के शेप में नहीं आगया। खेर सच कहु तो पहले मुझे बुरा लग रहा था लेकिन अब में खुश था की में और लाल मिट्टी से अलग हो चूका था। और इतने कष्ट सह कर में अपनी जिंदगी में कुछ बन चूका था। क्योकि उस लाल मिट्टी में मेरा कोई मुल्ये नहीं था। लेकिन अभी तो और कष्ट सहना बाकि था। 

उस व्यक्ति ने मुझे उठा कर गरम भटटी में दाल दिया। मेने अपने पुरे जीवन में इतनी गर्मी नहीं सही थी। लगा मनो में वही जल कर नष्ट हो जाऊंगा। मै एक बार फिर चिलाय नहीं-नहीं मुझे बाहर निकालो में इतनी गर्मी नहीं सहे सकता। लेकिन वह व्यक्ति बोलता अभी और - अभी और। 

कुछ देर बाद मुझे भटटी से बाहर निकाल दिया गया। अब मै अपने आप को देख कर हैरान था। मेरी ताकत कई गुना बढ़ गयी थी। मेरी मजबूती देख कर वह व्यक्ति भी बोहोत खुश हुआ। और उन्होंने मुझे तुरंत रंग ने के लिए भेज दिया। अब मै अपने शानदार रूप में आ गया। सचमुच उस दिन मुझे खुद को देख कर इतना गर्व हो रहा था जितना कभी ना हुआ था। 

हां परन्तु यह भी सच था की इससे पहले मेने इतनी मेहनत और कष्ट कभी नहीं सहे थे। लेकिन आज जब में अपने आप को देखता हु तो मुझे लगता है की मेरा संघर्ष मेरी मेहनत बेकार नहीं गयी। आज में अपना सर उठाकर चल सकता हु। और कह सकता हु की मै दुनिया के सब से अच्छे कप्स में से एक हु। 

राहुल सारी बाते बड़ी ध्यान से सुन रहा था। और जैसे ही कप ने अपनी बात पूरी करि तभी उसकी आँखे खुल गयी। आज एक कप के माधयम से ही सही पर राहुल मेहनत का महत्व समझ गया था। उसने मन ही मन निशचय किया की अब वह कभी मेहनत से जी नहीं कराएगा। और अपने अध्यापको और अभिभावक के कहे अनुसार मन लगा कर पड़ेगा और कड़ी मेहनत करेगा। 

तो दोस्तों देखा आपने किस तरह एक कप ने राहुल को मेहनत का असली महत्व समझाया। यही जीवन की हकीकत है। यदि जब तक हम भी कप की तरह तपना नहीं सीखेंगे तब तक हमारी भी असली कीमत लोगो के सामने नहीं आएगी। तो इस कहानी के अंत में मै आपसे बस इतना ही कहना चाहूंगा की जीवन में मेहनत से जी ना चुराए अपितु मेहनत को अपना दोस्त बना के अपने गले लगाओ। 

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