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Tiger Story in Hindi For Kids | कहानी दो शेरो की | Moral story

Tiger Story in Hindi For Kids | कहानी दो शेरो की | Moral story

Tiger Story in Hindi For Kids | कहानी दो शेरो की | Moral story

Best Tiger Story in Hindi For Kids, Our Moral Story

हेल्लो मेरे प्यारे दोस्तो केसे है आप आशा करता हूं आप सब अच्छे होंगे । आज में आपके लिए एक ऐसी कहानी लाया हूं जिसको सुन कर आप में प्रेरणा का नया स्रोत उमड़ पड़ेगा । इस कहानी की सुरवात करने से पहले दोस्तो में आपको बता देना चाहता हू कि इस दुनिया में केवल दो ही तरह के शेर होते है एक जंगल का दूसरा सर्कस का। ये कहानी है 2 शेरो की। दोनों ही शेर है, बस फर्क इतना सा है एक जंगल का है तो दूजा सर्कस का। तो चलिए दोस्तो जायदा समय ना लेते हुए शुरू करते है हम अपनी आज की कहानी। कहानी दो शेरो की।

दोस्तो एक बार एक जंगल में दो शेर रहा करते थे । एक का नाम बबलू था और दूसरे का तब्लू। इसी लिए वह दिनों बबलू तब्लु की जोड़ी से पूरे जंगल में प्रसिद्ध थे। बेहद अच्छे मित्र थे। एक दम जैसे  शोले मूवी में जय और वीरू की दोस्ती मशहूर थी वैसे ही बबलू ताबलू की दोस्ती भी। दोनों साथ ही में शिकार किया करते और फिर उसी शिकार को मिल बठ कर खाते। दोनों की जिंदगी में सब सही चल रहा था दोनों बेहद खुश थे । एक टाइम आया जब एक सीकरी उनका शिकार करने आया । ये बात जंगल में आग की तरह फेल गई थी कि एक शिकारी आया है जो उन दोनों शेरो में से एक का शिकार करेगा।

जब यह बात उन दोनों तक पोहाची तो दोनों घबरा गए कि आज उनमें से कोई एक हमेशा के लिए जंगल से चला जाएगा । अब उन शेरो को समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए जिस से हम दोनों बच जाए । पर ऐसा हो ना सका।

पर सोचते सोचते बेहद देर हो चुकी थी। शिकारी ने दोनों शेरो का पता लगा लिए था। अपने दोस्त और दोस्ती को बचाने के लिए बबलू ने शिकारी के समनें आने का फैसला कर लिया था।

पर बबलू के शिकारी के पास जाने से पहले ही शिकारी ने तबलू को पिंजरे में कैद कर लिया था। यह देख के बबलू को बेहद गुस्सा आया और उसने जोर से दहाड़ लगाई। पर शिकारी ने तबलु को नींद की दवाई देके बेहोश किया हुआ था। अब शिकारी तबलू को गाड़ी में रख कर जाने लगा।

फिर बबलू ने गाड़ी का पीछा करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते वह जंगल से काफी दूर आगया था। तभी गाड़ी एक जगा आके रुक गई। वहा शिकारी ने तबलू को पिंजरे सहित गाड़ी से उतरा और अंदर लेके चला गया।

बबलू को दर था कि कहीं वह तबलू को अंदर ले जाकर  मार ना दे। इसलिए देखने के लिए बबलू उस टेंट के दरवाजे तक पहोचा। तो उसने देखा कि वह टेंट किसी सर्कस का था। यह देख के बबलू को थोड़ा चैन आया कि चलो तबलू को कुछ नहीं हुआ है। पर चिंता का विषय यह था कि अब तबलू को वहा से आजाद केसे किया जाए। धीरे धीरे रात होने लगी थी पर तबलू को अभी तक होश नहीं आया था। और वहा बबलू की जान को भी खतरा था तो वह रात को वापस जंगल लोट गया। जंगल आने के बाद बबलू सोचने लगा कि केसे अब वह तबलू को वहा से आजाद कराए। वहा तबलू को कोड्रे मार मार के करतब कराया जाने लगा। सुरवात में तबलू को बेहद गुस्सा आता और वह बोहोत हताश होता की ये मेरे साथ क्या हो गया। और मेरा दोस्त बबलू भी मुझे लेने अभी तक नहीं आया।

Tiger Story in Hindi For Kids Moral story

ऐसे ही कई दिन बीत चुके थे। बबलू हर दिन तबलू को आजाद कराने के बारे में सोचता रहेता और वहा तबलू पिंजरे में खुश रहेने लगा था।

तबलू को जीवन में सब कुछ अच्छा लगने लगा गया था। तीन टाईम खाने को ताजा मांस मिलता। बारिश में वह भीगता नहीं था। ध्यान रखने के लिए कुछ लोग हर दम त्यार होते। तबलू को अपने सर्कस की जिंदगी पसंद आने लग गई थी। तबलू अपने कंफर्ट जॉन में खुश था। पर दोस्तो था तो सर्कस का। जब रिंग मास्टर बोलता कूद तो उसको कूदना पड़ता। जब वह बोलता बैठ तो उसको बैठना पड़ता, जब वह पिंजरे में होता तो बच्चे उसकी पूछ के साथ खेलते। पर तबलू आराम जिंदगी जीने के लिए अपनी असली पहेचान भूल चुका था। वह यह भूल चुका था कि वह जंगल का राजा था जो स्वतंत्र रूप से जंगल में अपने दोस्त बबलू के साथ घुमा करता। जब वह दहाड़ते तो जंगल काप जाया करता।

वही तबलू को आजाद कराने के खयाल के चलते बबलू की जिंदगी अभावों से गुजर रही थी। बबलू सही से शिकार नहीं कर पाता, सही से सो नहीं पाता, बारिश आती तो सर छुपाने के लिए गुफा नहीं दुंड पाता। बबलू के जीवन में कई सारे चैलेंजेस आ रहे थे पर बबलू उनका बेहद बहादुरी से सामना कर सर उठा के जीवन जी रहा था। क्यों कि उसने अपनी पहेचान अभी खोई नहीं थी वह अभी भी जंगल का राजा था।

दोस्तो यदि में आपसे सवाल करू की आप कोन सा शेर बनना पसंद करेंगे ? तबलू की तरह सर्कस का को अपने कंफर्ट जॉन में रहे के दूसरे के इशारों पर कलाबाजियां दिखता। या फिर बबलू की तरह जो जीवन के सभी चैलेंजेस को पूरा कर सर उठा के जीवन बिताता। आप में से कई लोग जंगल का बबलू बनना पसंद करेंगे ना की सर्कस का तबलू और हो भी क्यों ना हम सभी को अपनी आजादी अच्छी लगती है। पर फिर भी आप अपना जवाब हमको कॉमेंट करके जरूर बताएं।

अब एक दिन आया जब बबलू जंगल से तबलू को आजाद कराने के लिए चला और वह ठान चूका था की आज वह तबलू को आजाद कराके ही वापस लौटेगा। बबलू चलते चलते वही पहोचा जहा उस शिकारी ने तबलू को छोड़ा था। बबलू ने सोचा की आदि रात को वह तबलू तक पोछेगा। क्युकी दिन के समय उस जगह बेहद भीड़ हुआ करती थी। 

जैसे ही रात हुई वैसे ही बबलू दबे पाव टेंट के अंदर पोहचा उसने देखा की उसका दोस्त तबलू अराम से पिंजरे में सो रहा है। यह देख के बबलू को बेहद बुरा लगा की कहा एक समय था जब हमारे रहने के लिए पूरा जंगल हुआ करता था। जहा हम हर रात अलग अलग जगह सोया करते थे। और कहा अब तबलू इतने छोटे पिंजरे में भी खुश होक सोया हुआ था। बबलू ने तबलू को उठाने की कोशिश करि। थोड़ी देर के बाद तबलू उठा और उसने देखा की उसका दोस्त उसको वापस ले जाने के लिए आया है। जब तक बबलू तबलू को ले जाने की बात करता तब तक तबलू ने बबलू से कहा की में अब वापस उस जंगल नहीं वापस आऊंगा में यहाँ बेहद खुश हु। यहाँ तीन टाइम का खाना मिलता है कही शिकार करने नहीं जाना पड़ता। जिंदगी बड़े आराम से गुजर रही है। यह सुन कर बबलू को गुस्सा आया और वह बिना कुछ कहे वहा से चला गया। 

बबलू अब बेहद गुस्से में रहने लग गया था। धीरे धीरे बबलू पुरे जंगल में प्रषिद होने लग गया था। जब यह बात वापस उसी शिकारी तक पहोची की जंगल में एक शेर है जो बेहद ताकतवर और होशियार है तो वह उसको पकड़ने के लिए वापस जंगल आया। अब जब यह बात बबलू को पता चली की वापस वही शिकारी जंगल मे मेरा शिकार करने आया है। तो बबलू ने भी सोच लिया था की इस बार उस शिकारी का शिकार में करूँगा।

अब शिकारी ने बबलू को पकड़ने के लिए जाल बिछाये। और जान भुज कर बबलू शिकारी के जाल में फस गया। और शिकारी बबलू को पिंजरे में कैद करके वापस वही तबलू के पास लेके चला गया। अब बबलू ने तबलू पर ध्यान देना शुरू कर दिया की कैसे रिंग मास्टर तबलू को अपने इशारे पर नचाता और बच्चे उसकी पूछ के साथ खेलते। 

Tiger Story in Hindi For Kids

अब रिंग मास्टर बबलू को भी अपने चाबुक का दर दिखाता और कलाबाजी करने को बोलता। पर बबलू ने ऐसी दहाड़ लगाई की रिंग मास्टर बेहोश हो गया और सभी लोग टेंट से भाग गए अब बबलू तबलू दोनों आजाद हो गये थे तभी बबलू ने तबलू से बोला देख अपनी हालत जैसे आज मेने दहाड़ लगाई वैसे ही तू भी कई दिनों पहले लगा सकता था। पर तू अपने कंफर्ट जॉन में रहना चाहता था। तू भी आजाद हो सकता था। पर तूने अपनी हकीकत कही खो दी थी। और तू एक पालतू कुत्ते की तरह अपनी जिंदगी जी रहा था। और मुझे देख, में हमेशा की तरह  राजा की तरह रहा जंगल मे भी और सरकस में भी। 

यह सब बोल कर बबलू वहा से चला गया थोड़ी दुरी पर जाने के बाद वह देखता है की उसके पीछे तबलू चला आ रहा था। और फिर तबलू  ने बबलू से माफी मांगी और बोला की दोस्त में भूल गया था की में भी जंगल का राजा हुआ करता था। मेने अपनी असली पहचान कही खो दी थी। पर तूने मुझे मेरे से वापस मिला दिया है तेरा बोहोत बोहोत धन्यवाद। 

उसके बाद बबलू तबलू दोनों दोस्त वापस पहले की तरह हसी ख़ुशी जंगल में जीवन बिताने लग गए। और उसके बाद कभी भी वह शिकारी उस जंगल में वापस नहीं गया। 

तो देखा दोस्तों जब जब हम अपने कंफर्ट जॉन में रहना पसंद करते है तब तब हमारी हालत तबलू की तरह हो जाती है। जिसका खुद की जिंदगी पर कोई अधिकार नहीं रहे जाता। वह केवल दूसरे के इशारे पर नाचता रहता है। और जब हम अपने कंफर्ट जॉन को तोड़ते है तो तकलीफ तो बेहद होती है परन्तु वह हमेशा राजा की तरह अपना जीवन बिताता है। 

मोरल:- हम सभी को अपने कंफर्ट जॉन में नहीं रहना चाहिए। यदि हमको अपनी जिंदगी जिनि है तो हमको संघर्ष करना ही पड़ता है। 

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