
Interesting Facts About Ramayana-रामायण के अनसुने रोचक तथ्य
Interesting Facts About Ramayana in Hindi - रामायण के अनसुने रोचक तथ्य | Unknown Facts About Ramayana

हेलो मेरे प्यारे दोस्तों कैसे है आप। आशा करता हु आप सब अच्छे ही होंगे। आज में आप सभी के लिए रामायण से जुडी कुछ अनसुनी-अनकही रोचक तथ्य लेके आया हु।
रामायण हिन्दू धर्म का बोहोत पवित्र ग्रन्थ माना गया है। जिसे महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखा गया और उसके बाद श्री तुलसीदास द्वारा। रामायण में कई ऐसी कथाएं मिलती है जिनको हम आम तोर पर जानते है। परन्तु इस पवित्र ग्रन्थ में कई ऐसी कथाये भी मिलती है जिनको आम जन मानस नहीं जानते।
तो आज हम उन्ही कथाओ का वर्णन करेंगे। जैसे देवी सीता माता कैसे इतने लम्बे समय तक बिना अन-पानी को ग्रहण किये कैसे रहे। और गिलहरी के पीछे तीन धारियों की कहानी। आज हम इन्ही तरह की 21 रोचक तथ्यों की उड़ान करेंगे। तो दोस्तों शुरू करते हम अपना आज का ब्लॉग। जिसका शीर्षक है Top 21 Interesting Facts About Ramayan.
Ramayana Facts - Rare Stories of Ramayana | रामायण के 21 रोचक तथ्यों की सूचि।
1. रामायण संस्कृत का एक महा काव्ये है। जो आदि कवी श्री वाल्मीकि द्वारा रचित है। इस महा काव्ये में 2400 छंद है जोकि 7 अध्याय या काण्ड में विभाजित है। दोस्तों यदि हम रामायण के 1000 छंद का पहला पहला अक्षर ले तो 24 अक्षर हमको मिलते है। वह सभी अक्षर मिलकर गायत्री मंत्र बनाते है। यह अदभुत प्रभु लीला के सिवा और कुछ नहीं।
गायत्री मंत्र:-
" ॐ भूर् भुवः स्वः।
तत् सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात् || "
2. श्री राम जी की माता कौशल्या कौशल देश की राजकुमारी थी। उनके पिता का नाम साकोशल वा माता का नाम अमृत प्रभा था। पूर्व जन्म में भगवान विष्णु ने कौशल्या को त्रेता युग में उन्ही के गर्भ से जनम लेने का वरदान दिया था। और इसी कारण श्री राम जी ने माता कौशल्या के बेटे के रूप में जनम लिया था।
3. रामायण के कई संस्करण है इन्ही में से एक आनंद रामायण के अनुसार रावण ने ना केवल देवी सीता का अपहरण किया था बल्कि माता कौशल्या का भी अपहरण किया था। ऐसा बोला जाता है की भगवान ब्रह्मा जी ने रावण को पहले ही बता दिया था की दशरत और कौशल्या का पुत्र उसकी मिर्त्यु का कारण बनेगा। यह सुन के रावण ने अपनी मिर्त्यु को टालने के लिए माता कौशल्या को समुद्र के बीच स्थित समुद्री तट पर छोड़ दिया था।
4.श्री राम जी की एक बहन भी थी जिनका नाम शांता था। जिसको बचपन में ही कौशल्या ने अपनी बहन वर्षनी और अंग देश के राजा गोपत को दे दिया था। इसलिए पूरी रामायण में श्री राम जी की बहन शांता का वर्णन नहीं किया जाता।
5. ऐसा माना जाता है की देवी सीता भगवान शिव के धनुष को बचपन में खेल-खेल में युही उठा लिया करती थी। और इसलिए उनके स्वयंमवर में उसी धनुष जिसका नाम पिनाक था उसपर प्रत्यंचा चढ़ाने की प्रतियोगिता रखी गयी थी।

6. एक बार रावण जब भगवान शिव के दर्शन करने के लिए कैलाश पर्वत गए तभी उनको रास्ते में नन्दी मिले जिनको रावण ने वानर का मुख वाला बोलके उनका मजाक बनाया था। तभी नन्दी ने रावण को श्राप दिया था की वानरों के कारण ही तुम्हारे कुल की मिर्त्यु होगी। और उसके बाद वानर सेना ने रावण के कुल की क्या दुर्दशा करी वह तो हम सब जानते ही है।
7. रावण अपनी विजय अभियान के चलते जब स्वर्ग पंहुचा तो उसे वहा रम्बा नाम की सुंदरी मिली। रावण उस पर मोहित हो उठा। रावण ने जैसे ही उसे छूने का प्रयास किया तो उसने कहा की में आपके भाई कुबेर के पुत्र नलकुबेर के लिए आरक्षित हु। इसलिए में आपके पुत्र वधु समान हु। परन्तु अपनी शक्ति और अंतर वासना की भूख में चूर रावण ने उसकी एक ना सुनी। और जब नलकुबेर को इस बात का पता चला तो उसने रावण को श्राप दिया की आज के बाद यदि रावण ने किसी भी पराई स्त्री को उसकी इच्छा के विरुद्ध छुएगा तो उसके सर के 100 टुकड़े हो जायेंगे। जिस वजह से रावण ने माता सीता को अगवा करने के पश्चात नहीं छूआ।
8. जिस दिन रावण सीता माता का हरण करके अशोक वाटिका में लाया था। उसी दिन भगवन ब्रह्मा ने इंद्र देव के हातो एक विशेष प्रकार की खीर माता सीता तक पहोचाई जिसका सेवन करने से माता सीता की भूख प्यास शांत हो गयी। और वह अपने कारावास के दौरान बिना खाना खाये रहे सकी।
9. रावण भगवन शिव का बहोत बड़ा भकत था। भगवन शिव के भजन कीर्तन के लिए रावण ने अपनी भुजा (हाथ) काट कर उससे एक वाद्य यंत्र (म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट) बनाया था। जिसको नाम मिला रावण हटटा।
10. शेष नाग के अवतार लक्ष्मण ने रावण के पुत्र मेघनाथ को ही नहीं बल्की रावण के दूसरे पुत्रों को जैसे प्रहस्त और अतिकाई को भी मारा था।
11. जिस समय श्री राम वनवास के लिए गए थे उस समय उनकी आयु 27 वर्ष थी। और राजा दशरत नहीं चाहते थे की राम जी वन को जाये इसलिए राजा दशरत ने उनको सुझाव दिया की वह उनको बंधी बना ले और राज गदी संभाल ले। लेकिन पुरुषोत्तम श्री राम ऐसा कभी ना करते। उनको वन जाना सुईकार था परन्तु पिता की आज्ञा की अवहेलना करना नहीं।
12. वनवास के दौरान श्री राम ने एक कबंध नाम के श्रापित राक्षस का वध किया था। जिसके बाद वह राक्षस श्राप मुक्त हो गया। और उसी ने प्रभु श्री राम को राजा सुग्रीव से मित्रता करने का सुझाव दिया।
13. रावण जब विश्व विजय पर निकला तो उसका युद्ध अयोध्या के राजा अनरण्य के साथ हुआ जिसमे रावण विजय रहा। और राजा अनरण्य वीर गति को प्राप्त हुए। और उन्होंने ही मरने से पहले रावण को श्राप दिया था की तेरा वध मेरे ही कुल के किसी युवक द्वारा होगा।
14. वाल्मीकि द्वारा लिखी गयी रामायण के अनुसार एक बार रावण अपने पुष्पक विमान से कही जा रहा था। तभी उसकी नजर एक तप कर रही महिला पर पड़ी जिनका नाम वेदवती था। वह भगवन विष्णु को अपने पति के तोर पर पाने के लिए तपस्या कर रही थी। रावण उस युवती पर मोहित हो गया। और जबरदस्ती उसको अपने साथ ले जाने का प्रयास किया। तब उस युवती ने भी रावण को श्राप दिया था की तेरी मिर्त्यु का कारण भी एक स्त्री होगी। यह कहे के उस युवती ने अपने प्राण उसी वकत त्याग दिए।
15. श्री राम जी के भाई भरत को उनके पिता की मिर्त्यु का पहले ही आभास हो गया था। उन्होंने अपने सपने में देखा था की उसके पिता काले कपड़ो में लाल रंग की फूलो की माला पहने हुए एक रथ में बेथ कर दक्षिण दिशा की और जा रहे है। और पिले रंग के कपड़ो में स्त्रीया उनपर फूलो की वर्षा कर रही है।
16. पाताल का राजा अहिरावण उसका भाई महिरावण दोनों बोहोत ही शक्ति साली राक्षस थे। अहिरावण ने एक बार श्री राम और लक्ष्मण को बंधी बना लिया था। उनकी रक्षा के लिए और अहिरावण एवं महिरावण का वध करने के लिए श्री हनुमान जी ने पंच मुखी रूप धारण किया था।

17. रावण महाज्ञानी बामण था भगवन राम ने भी रावण को परम ज्ञानी बताया था। इसलिए जब रावण अपने मिर्त्यु के अंतिम सासे गिन रहा था। तो प्रभु श्री राम ने लक्ष्मण को रावण से ज्ञान लेने को कहा।
18. जब अपने विश्व विजय अभियान में रावण यमपुरी पंहुचा तो वहा रावण का युद्ध यमराज से हुआ। जब यमराज ने रावण पर तराश दंड का हमला करना चहा तब ब्रह्मा जी ने उनको रोकते हुए बोला की इस पापी का वध करने हेतु प्रभु श्री राम ने अवतार ले लिया है। रावण को समस्त देव गण नहीं मार सकते।
19. ऐसा माना जाता है की गिलहरी के शरीर के पीछे जो धारिया है वह राम जी के आशीर्वाद के कारण है। जिस समय लंका पर हमला करने के लिए राम सेतु का निर्माण हो रहा था। उस समय एक गिलहरी इस काम में सबकी मददत कर रही थी। उसकी इस आस्था को देख प्रभु श्री राम ने प्यार से उसके पीछे अपने उंगलिया फेरी थी। तब से यह धारणा बन गयी की तभी गिलहरी के पीछे वह 3 धारिया है।
20. राम रावण युद्ध के दौरान देव राज इंद्र ने अपना रथ श्री राम के लिए धरती पर भेजा था जिसपर सवार होक राम जी ने रावण का वध कर युद्ध पर जित हासिल की थी।
21. आज के ब्लॉग का अंतिम तत्य श्री राम का अवतार एक पुन अवतार नहीं माना जाता। ऐसा इसलिए क्यों की रावण को वरदान हासिल था की उसको कोई देव नहीं मार सकता केवल एक मानव ही रावण के अंत का कारण बनेगा।
तो दोस्तों यह थे कुछ रामायण के अनसुने-अनकहे रोचक तथ्य। तो केसा लगा आपको यह जानकारी पर्याप्त करके। अपना अनुभव हमारे साथ जरूर शेयर कीजियेगा। आज के ब्लॉग में बस इतना के साथ हम आपसे विदा लेना चायेंगे। धन्यवाद अपना बहुमुल्ये समय देने के लिए।
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