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Best horror story in hindi | bhoot ki kahani Part-2 | Top-hindi-kahani

Best horror story in hindi | bhoot ki kahani Part-2 | Top-hindi-kahani

Best horror story in Hindi | bhoot ki Kahani Part-2 | Top-Hindi-Kahani

Best horror story in hindi, bhoot ki kahani

तो दोस्तों ये हमारा Best horror story in hindi का दूसरा हिस्सा। सूर्ये भूषण और राजकुमारी के बदले का कहानी। इससे पहले वाला हिस्सा पड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे। Best horror story in hindi | bhoot ki kahani Part-1 | Top-hindi-kahani

राजकुमारी की आत्मा सूर्ये भूषण का इंतेज़ार उसी महल में कर रही थी जहा उस राजकुमारी का गला काट कर हत्या कर दी गयी थी। तभी इतने में वही महल विदेश से आई एक परिवार को बेच दिया गया। उस परिवार में 5 लोग थे। जिसमे से 3 बच्चे और उनके माता पिता। उन बच्चो में सब से छोटी लड़की का नाम रानी था। वह बोहोत शांत नेचर की लड़की थी। 

रानी शारीरिक तोर पर स्वस्त नहीं थी। उसकी तबियत कुछ ठीक नहीं रहती। जिस वजह से वह अपना जायदा तर समय अकेले बिताना पसंद करती थी। अभी तक उन लोगो को उस घर में राजकुमारी की आत्मा होने का एहसास नहीं था।  तभी एक रात रानी को बोहोत तेज प्यास लगती है और वो अपने कमरे से बहार रसोई की और चल देती है। रसोई पहोच के उसने जब पानी लेने के लिए फ्रिज का दरवाजा खोला तो उसको उसमे एक अलग हलचल महसूस होती है। मानो ऐसा जैसे कोई उसको छू के फ्रिज से बहार निकलता है। 

और फिर जब वो पानी की बॉटल फ्रिज से उठाती है तभी उसकी नज़र फ्रिज में पड़े खाने पर पड़ती है। जिसका ढकन खुला हुआ था। वो उस खाने को फिर से ढक देती है। और फिर फ्रिज का दरवाजा बंद करते ही उसको ढकन गिरने की आवाज आती है। वो जैसे ही दुबारा फ्रिज का दरवाजा खोलती है वैसे ही लाइट बंद हो जाती है।  और वो चिलाते हुए अपने मम्मी पापा के कमरे की और भागती है। 

वो अपने माता पिता वाले कमरे का दरवाजा जोर जोर से बजाती है। रात बोहोत हो  इसलिए उनको दरवाजा खोलने में समय लगता है । अपनी बेटी को यू हाफ्ते हुए देख वो दोनों बोहोत चिंतित हो जाते है। वो रानी से पूछते है की क्या हुआ तब रानी उसके सात रसोई में हुई अजीब एहसास को अपने माता पिता को बताती है। उनको लगता है की रानी ने बोहोत बुरा कोई सपना देखा है। और वो रानी को अपने कमरे में अपने साथ ही सुला देते है। 

सुबह उठके जब सब नास्ता करने एक साथ होते है उस वकत तक रानी डरी हुई थी। उसको मनो कोई अवाज अपनी तरफ बुला रही हो। यह देख के उसके मम्मी पापा बोहोत परेशान हो जाते है और एक डॉक्टर को उसको दिखाने के लिए बुलाते है। रास्ते में आते हुए उस डॉक्टर का एक्सीडेंट हो जाता है और डॉक्टर की मोत हो जाती है।  यह खबर सुनके रानी के माता पिता घबरा जाते है। फिर जब संजोग समझ कर वो सब भूल जाते है। 

पर यहाँ पर तो राजकुमारी अपने होने के निशान दे रही थी। रानी अपने खिलोने के साथ उनके गार्डन में बड़े बरगद के पेड़ के निचे खेल रही होती है तभी उसकी गुड़िया खो जाती है। वो अपनी गुड़िया को ढूंढ रही होती है की उतने में उसको राजकुमारी की आत्मा दिख जाती है और राजकुमारी की आत्मा रानी में प्रवेश कर जाती है। 

अब रानी के अंदर राजकुमारी का भूत था। अब राजकुमारी जो चाहती वो कर सकती थी। जैसे जैसे दिन गुजरते रहे रानी के ऊपर राजकुमारी का प्रकोप बढ़ता जाता। कई बार वो सोते सोते अपने मम्मी पापा के कमरे में रखे आईने के सामने बैठ के अपने बाल सवारती तो कभी बरगद के पेड़ के निचे बैठ के सूर्ये भूषण का इंतेज़ार करती। कई बार पूरी पूरी रात वो बरगद के पेड़ के निचे बैठी रहती और सुबह उठ के उसकी मम्मी उसको घर लाती। यह सब देख उसके घरवाले डरने लग जाते क्यों की जब भी उसको देखते तो उसके मुँह पर एक अलग सा भाव होता। 

यह सब अजीब तो था पर उसके माँ बाप को कुछ समझ नहीं आरा था क्यों की वो आत्मा भूत इन सब ,में नहीं मानते थे। एक बार रानी ने आदि रात को अपने कमरे में सो रही बड़ी बहन के पलंग को अपने हाथ से ऊपर उठा लिया। उसकी बहन की आँख खुली तो उसने देखा रानी लाल रंग के साड़ी में सजी हुई जिसकी आखे बदले की आग में जल रही हो बाल खुले हुए।  यह सब देख के उसकी बहन बोहोत दर गयी और चिलाने लगी। उसके चिल्लाने की आवाज़ सुनके उनके मम्मी पापा कमरे की और दौड़ते है। कमरे में घुसते ही रानी ने अपनी गर्दन पीछे मोड़ के दरवाजा बंद कर दिया और हवा में उड़ने लगी। सकल पर खून के निशान और इतना सब अनदेखा एहसास उसके मम्मी पापा के रोंगटे खड़े करने के लिए काफी था। 

फिर थोड़ी देर में रानी बेहोश हो गयी और जमीन पर गिर गयी। अब उन सब के समझ में आने लगा था की ये किसी भूत का साया है। ना विश्वास करते हुए भी उनको अपने घर बड़े बड़े तांत्रिक और पंडितो को बुलाना पड़ा। पर जब भी कोई तांत्रिक पंडित हवन कर भूत को भगाने की कोशिश करता राजकुमारी उनको ही जिन्दा मार डालती। और ये सब बात सुनके कोई पंडित तांत्रिक उस घर में जाने से डरने लगा। 

पर राजकुमारी ने रानी के परिवार के सामने अपनी कहानी सुनाई की कैसे सूर्ये भूषण ने उसको अगवा किया और फिर उसको मार दिया। यह सब सुनके रानी के परिवार वालो में राजकुमारी के लिए अफ़सोस हुआ। और वो कैसे मददत कर सकते है यह भी पूछा पर रानी के परिवार वालो ने राजकुमारी से कहा की सूर्ये भूषण को मारते ही वो रानी के शरीर को छोड़ के यमलोक चली जाएगी। राजकुमारी ने वचन दिया की वो किसी को नुकशान नहीं पहुचायेगी। 

पर अब सब से बड़ी दिकत यह थी की राजकुमारी को मरे हुए 200 साल हो गए थे और राजकुमारी की आत्मा को सूर्ये भूषण को मारना था। जब यही सब बात रानी के घरवालों ने अपने बेटे को बताया जोकि अमेरिका में इन्ही सब चीजों की पढ़ाई कर रहा था वो तुरंत अमेरिका से अपने परिवार के पास आगया। 

और रानी के अंदर राजकुमारी का साया देख वो बोहोत परेशान हो गया पर उसके परिवार ने उसको बताया की राजकुमारी ने वचन दिया है वो किसी को कोई परेशानी नहीं देगी। उसके बाद सोराब (रानी के  भाई का नाम जो अमेरिका से आया था) ने सूर्ये भूषण और राजकुमारी की कहानी का इतिहास पड़ने के लिए बोहोत सारि किताबे ले आया। और उसको पड़ते पड़ते उसको पता चला की कुछ इतिहासकारो का मानना है की सूर्ये भूषण आज भी काली घाति के वीरान जंगलो में देखा जा चूका है। 

इस बात का पता लगाने सोराब काली घाटी के जंगलो की और चला गया और ढूंढ़ते ढूंढ़ते उसको सूर्ये भूषण मिल जाता है। पर सूर्ये भूषण बेहद तपस्या के बाद बोहोत शक्तिशाली हो चूका था। सोराब को दर था की कही सूर्ये भूषण से बदला लेते हुए रानी को कुछ हो ना जाये इसलिए वो अपनी जान खतरे में डालके सूर्ये भूषण के सामने चला जाता है। पर सूर्ये भूषण उसे जाने को बोलता है। और खुद गायब हो जाता है। 

जब सोराब घर जाता है तो राजकुमारी सूर्ये भूषण के जिस्म की महेक पहचान लेती है। और सोराब जब अपने माता पिता को उसकी सूर्ये भूषण की पहेली मुलाकात के बारे में बताता है तभी राजकुमारी भी सब सुन लेती है और राजकुमारी को पता चल जाता है की सूर्ये भूषण काली घाटी के जंगलो ,में रहता है तो वो आदि रात को ही काली घाटी की तरफ चल देती है। और रानी को घर पर ना देखते हुए रानी के सभी घरवाले काली घाटी की और चल देते है।  

राजकुमारी की आत्मा काली घाटी के जंगलो में सूर्ये भूषण को ढूंढ़ने लगती है। थोड़ी देर बाद सूर्ये भूषण राजकुमारी के सामने आजाता है। राजकुमारी सूर्ये भूषण पर हमला कर देती है। राजकुमारी उसको उठा के दूसरी तरफ फेक देती है। सूर्ये भूषण अपनी तलवार निकाल लेता है। राजकुमारी गुस्से में होती है। और वो पेड़ उखाड़ के सूर्ये भूषण की और फेकती है और सूर्ये भूषण अपनी तलवार से उस पेड़ को बिच में से फाड़ देता है।

इतने में रानी के घरवाले भी उसी जगह पहोच जाते है जहा राजकुमारी और सूर्ये भूषण का इतिहास एक दूसरे से फिर टकरा रहा था। सूर्ये भूषण राजकुमारी को उठा के फेक ही रहा होता है उतने में सोराब सूर्ये भूषण को पीछे से पकड़ के धक्का मारने की कोशिश करता है इतने में राजकुमारी सूर्ये भूषण के हाथ से तलवार पकड़ के सूर्ये भूषण का सर धड़ से अलग कर देती है और सूर्ये भूषण की मोत हो जाती है। 

ऐसे में राजकुमारी भी रानी के शरीर को छोड़ के यमलोक चली। और रानी पहले की तरह नार्मल हो जाती है।  उस दिन के बाद से वह बगला यानि महल भी श्राप से मुक्त हो जाता है। और सब सही हो जाता है। रानी की सेहत भी अच्छी होने लगती है और वो बोहोत खुश रहने लगती है। रानी के परिवार को कभी कभी राजकुमारी का साया दीखता है पर राजकुमारी भी खुश होती है और किसी को नुकशान नहीं पहोचाती। 

और इस तरीके से हमारी कहानी का अंत होता है। आशा करता हु आपको हमारी यह कहानी पसंद होगी। 

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