Best Motivational Story in Hindi | एक बाज के जीवन की कहानी | Top-Hindi-Kahani
Best Motivational Story in Hindi | एक बाज के जीवन की कहानी | Top-Hindi-Kahani
हेलो दोस्तों कैसे है आप सब। आशा करता हु आप सब अच्छे होंगे। आज में आपके लिए एक बाज़ के जीवन की एक ऐसी कहानी लेके आया हु जो आपको जीवन में सही रास्ता दिखाएगी। New Moral Stories in Hindi आशा करता हु आपको यह New Hindi Kahani पसंद आएगी और आपके जीवन में आपका Moral in Hindi बढ़ाने में मददत करेगी।
क्या आप जानते है जिस उम्र में बाकि पक्षियों के बच्चें मुँह से ठीक तरह से आवाज भी नहीं निकाल पाते उस उम्र में एक मादा बाज़ अपने बच्चे को पंजे में दबोच कर सबसे ऊंचा उड़ जाती है। मादा बाज़ अपने बच्चे को 12 किलोमीटर तक ऊपर लेकर उड़ जाती है। अब आप सोच रहे होंगे की मादा बाज़ ऐसे क्यों करती है। जितनी ऊंचाई पर हवाईजहाज उड़ा करते है। यहाँ से शुरू होती है उस नन्हे बच्चो की कठीन परीक्षा। और इसलिए यह एक Best Motivational Story in Hindi है।
पक्षियो की दुनिया में इतनी कठिन ट्रेनिंग किसी दूसरे पक्षी की नहीं होती। और इसी परीक्षा के चलते बाज़ शान से बादल के ऊपर उड़ता है। 1.2 किलोमीटर की उड़ान भरने के बाद काफी ऊंचाई में पहुच कर मादा बाज़ अपने बच्चो को निचे छोड़ देती है। लगभग 2 किलोमीटर तक निचे गिरते समय उन बच्चो को ये तक नहीं पता होता उसके साथ क्या होने वाला है। जब वह 7 किलोमीटर तक नीचे जा चूका होता है तो उसके नन्हे जकड़े हुए पंख खुलने लगते है।
9 किलोमीटर आने पर बच्चो के पंख खुल जाते है और वो पहेली बार पंख फड़फड़ाता है। लेकिन अभी पंख मजबूत ना होने के वजह से वह उड़ नहीं पाते तब जब वह धरती के करीब आने लगता है। अब वह जमीन पर लगभग गिरने ही वाला होता है। तभी उसकी माँ उसे गिरने से पहले ही पकड़ लेती है। और उनको बचा लेती है।
पर हर बार नन्हे बच्चो की किस्मत इतनी अच्छी नहीं होती कई बार मादा बाज़ अपने बच्चो को गिरने से पहले नहीं पकड़ पाती जिसके कारण कई बार उसके बच्चो की मौत हो जाती है। पर यह ट्रेनिंग बाज़ के बच्चो के लिए जरुरी होती है। जिस वजह से मादा बाज़ अपने बच्चों को यह ट्रेनिंग कराती है। बिना अंजाम सोचे हुए वह अपने बच्चो को 12 किलोमीटर की उचाई से छोड़ देती है। और इसी के चलते Best Motivational Story in Hindi का जनम होता है।
यह ट्रेनिंग हर दिन चलती है। जब तक की बाज़ के बच्चे उड़ना नहीं सिख लेते। यह ट्रेनिंग एक कमांडो की तरह होती है। तब जाकर दुनिया को एक बाज़ मिल पाता है। और फिर बड़े हो जाने के बाद उनमे इतनी ताकत होती है की वह अपने से 10 गुना वजनी प्राणी का शिकार कर लेता है। बाज़ कभी छत की मुंडेर पर नहीं उड़ते वे हमेशा आसमान की ऊचाइयों में उड़ते है।
दोस्तों आज जीवन में अगर कठिनाई है, ख़राब परिस्थिति है, कोई छोड़ कर चला गया है या आप किसी काम में असफल हो गए तो उदास मत होइए भगवान भी आपको हालातो से लड़ने के लिए ट्रेंनिंग दे रहे है। और याद रखना जिस दिन ये ट्रेनिंग पूरी हो जाएगी उस दिन आप इतने मजबूत हो जायेंगे की आपको दुनिया की कोई भी ताकत हरा नहीं पाएगी और आप अपनी फील्ड में कामयाबी के उस ऊचाई पर होंगे जहा लोग आपको देख कर खुद प्रेणा लेंगे और ऐसे आप दुनिया के लिए एक नए प्रेणा स्रोत बन जायेंगे।
याद रखना भगवान भले आपको कैसे भी कठीन परिसिथयों में ट्रेनिंग दे पर वो आपका साथ कभी नहीं छोड़ेंगे। दूसरी सीख इस कहानी से ये मिलती है की अपने काम में तब तक ट्रेनिंग कीजिये जब तक आप अपनी फील्ड में मास्टर नहीं बन जाते। जितना हो सके अपने काम को इम्प्रूव कीजिये अपने आप को इम्प्रूव कीजिये। जिस दिन आपने अपने आपको या अपने काम को इम्प्रूव करना छोड़ दिया उस दिन दुनिया आपको पहचानना छोड़ देगी। हमेशा आगे बढ़ते रहिये। शुरवात कीजिये।
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