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Hindi Kahaniya For Kids | मुन्ना भाई चाकू-छुरी वाले | Top-Hindi-Kahani

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Hindi Kahaniya For Kids

हेलो दोस्तों कैसे है आप आशा करता हु आप सब अच्छे होंगे। तो दोस्तों आज की कहानी है एक ऐसे इंसान के ऊपर जो गाऊँ के मुन्ना भाई से गाऊँ का चाकू-छुरी तेज करने वाला बनता है। ऐसा कैसे हो गया यह हम अपनी आगे की कहानी में पड़ेंगे। तो चलिए दोस्तों शुरू करते है हम आज की कहानी Hindi Kahaniya For Kids | मुन्ना भाई चाकू-छुरी वाले

एक गाऊँ में एक 60 साल का बूढ़ा व्यक्ति रहा करता था जिसका नाम भोलू चाचा था। वह गाऊँ-गाऊँ घूम-घूम कर चाकू तेज करा लो, छुरी तेज करा लो बोलता हुआ चाकू-छुरी तेज करने का काम करता था। उनके 2 बच्चे थे जिनकी उम्र लगभग 25 साल रही होगी और उनका नाम था चंकू-मंकू। जो बेहद मोठे और छोटे थे। वह दोनों दिन भर खाते पीते और सोते थे।

एक बार भोलू के घर मुन्ना भाई के गुंडे लोग आते है और भोलू के घर को 1 लाख में खरीदने की बात करते है। भोलू और अपना घर बेचने के लिए मना कर देते है। तो वो लोग उनको धमका के चले जाते है और बोलते है कल मुन्ना भाई आएंगे उनको यह घर खाली चाहिए। 

यह सुन के भोलू के बेटे चंकू-मंकू परेशान हो जाते है। फिर वह दोनों अपने दोस्त टिंकू के पास जाते है। टिंकू बहोत अच्छा नौटंकी किया करता था। चंकू-मंकू और टिंकू तीनो मिलके प्लान बनाते है की कैसे मुन्ना भाई को घर आने से बचे। फिर टिंकू भेश बदल कर मुन्ना भाई की गाड़ी के आगे आजाता है।

टिंकू मुन्ना भाई को झूट बोलता है की तुम्हारा पूर्ण जन्म हुआ है। पिछले जनम में तुम्हारे पिताजी का नाम भोलू था और तुम्हारे 2 बेटे थे चंकू-मंकू उनका नाम था। और ऐसा सब बोलके टिंकू मुन्ना भाई को भोलू चाचा के घर भेज देता है। Hindi Kahaniya For Kids

चंकू-मंकू ने अपने घर की दिवार पर मुन्ना भाई की फोटो पर हार चढ़ा रखा था। जब मुन्ना भाई भोलू चाचा के घर पहुचा तो वो ये सब देख के बड़ा आश्रय चकित हुआ की रास्ते में मिले उस इन्शान की बात सच निकली। फिर चंकू-मंकू के साथ भोलू चाचा भी एक्टिंग करने लगे। बेटा तुम तो 25 साल पहले मर गए थे तुम वापस कैसे आये। तो मुन्ना भाई बोलता है की ये मेरा पूर्ण जनम है। 

चंकू-मंकू मुन्ना भाई को पिताजी-पिताजी बोलके उसके गले लग जाते है। पर मुन्ना भाई बोलता है ये इतने मोठे  मोठे बच्चे किसके है। जो मुझे पिताजी-पिताजी बोल रहे है। भोलू चाचा बोलता है की ये तुम्हारे बच्चे है। तुम इनके बचपन में छोड़ के चले गये थे। देखो मेने इनको कैसे पाला है कितने फल फुल गए है। 

ऐसे बोलके मुन्ना भाई चंकू-मंकू को अपने बच्चे मान लेता है। परिवार मिलने की ख़ुशी में मुन्ना भाई सारे बुरे काम छोड़ देता है। और भोलू चाचा धीरे धीरे मुन्ना भाई के बैंक अकाउंट खली करके उसके सारे पैसे गरीबो में बाट देता है। और मुन्ना भाई के पास पैसे न होने की वजह से वो परिवार पालने के लिए भोलू चाचा की साइकिल उठा लेता है और गाऊँ गाऊँ चाकू तेज करा लो-छुरी तेज करा लो बोलता घूमता रहता और लोगो की चाकू छुरिया तेज करके पैसे कमाता और अपने झूटी-मुति के परिवार का पालन पोषण करता। 

तो देखा दोस्तों कैसे एक बुरा इन्शान अपने परिवार के लिए बुराई का रास्ता छोड़ महेनत से पैसा कमा सकता है। बस जरूरत है कुछ जिम्मेदारियों की। जो एक इन्शान परिवार होने पर ही महसूस कर सकता है।

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