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डॉ.ए.पी.जे अब्दुल कलाम जीवनी-Abdul kalam Full Biography in Hindi

डॉ.ए.पी.जे अब्दुल कलाम जीवनी-Abdul kalam Full Biography in Hindi

डॉ.ए.पी.जे अब्दुल कलाम जीवनी-Abdul kalam Full Biography in Hindi

Abdul kalam Full Biography in Hindi

हेलो मेरे प्यारे दोस्तों कैसे है आप। हमेशा की तरह आशा करता हु की आप सब अच्छे होंगे। तो दोस्तों आज में आप सभी के लिए एक ऐसे व्यक्ति की जीवनी लेके आया हु जिसका जीवन सच में कठनाईयो से भरा हुआ था परन्तु इसके उन्होंने अपने जीवन की परेशानियों का सामना कर अपना जीवन देश की सेवा में अर्पित कर दिया। सपने वह नहीं होते जो हम सोते हुए देखते है, सपने तो वह होते है जो हमको सोने नहीं देते। ऐसा मानना था श्री Dr. A P J Abdul Kalam जी का। हा दोस्तों आज की डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जीवनी कहानी के बारे में है। जिन्हे लोग प्यार से  इंडियन मिसाइल मैन के नाम से भी पुकारते है। तो चलिए दोस्तों हम अपनी आज की A P J Abdul Kalam success story in Hindi शुरू करते है और ऐसे महान अब्दुल कलाम जीवनी को पास से पड़ते है।  

A.P.J Abdul Kalam Biography in Hindi

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम एक मशहूर हिन्दुस्तानी साइंटिस्ट और इंडिया के 11वे राष्ट्रपति थे। और उन्होंने अपने जीवन के 5 साल देश के नाम किये। उन्होंने देश के कुछ सबसे मशहूर संस्था (DRDO और ISRO) में काम भी किया है। और ऐसे APJ Abdul Kalam Biography in Hindi की सुरवात हुई। 

A P J Abdul Kalam Early Life     

  • Full Name:- Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam
  • Born Day:- 15 October 1931 
  • Death:- 27 July 2015 
  • Born Place:- Rameswaram, Tamil Nadu 
  • Father Name:- Jainulabdeen
  • Mother name:- Ashiamma
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी का जनम 15 अक्टूबर 1931 में तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक मुसिलम परिवार में हुआ था। डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी की मिर्त्यु 27 जुलाई 2015 के शिलोंग, मेघालय में हुआ। ए. पी. जे. अब्दुल कलाम जी के पिता जैनुलआबिदिन एक नाविक थे और उनकी माता आशिअम्मा एक गृहणी थी। 

ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के घर की आर्थिक स्थिति कुछ अच्छी नहीं थी। जिस वजह से उनको अपनी छोटी सी उम्र में ही काम करना पड़ा। घर की हालत सही ना होने की वजह से और अपने पिता की आर्थिक मददत के लिए वह स्कूल के बाद समाचार और मेगज़ीने बाटने का काम किया करते थे। इतनी छोटी सी उम्र में महेनत करने के बाद भी कलाम साहब ने अपनी पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान दिया।

अपने स्कूल के दिनों में अब्दुल कलाम पढ़ाई में बोहोत होशियार हुआ करते थे। पर उनको कुछ नया सिखने की इच्छा हमेशा बनी रहती। और सिखने के लिए त्यार रहते।  उनके अंदर सिखने की भूख थी। वह कई घंटो का समय अपनी पढ़ाई पर देते।

उन्होंने अपनी स्कूल की पढ़ाई रामनाथपुरम मैट्रिकुलेशन स्कूल से पूरी की। उसके बाद उन्होंने तिरूचिराप्पल्ली के संत जोसफ कॉलेज में दाखिला लिया। जहा से उन्होंने 1954 में भौतिक विज्ञानं में स्नातक किया। पढ़ने लिखने के शोक के कारण उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। और घर की हलात अच्छी ना होने के बावजूद भी उनके घर वालो ने उनका पूरा साथ दिया और आगे की पढ़ाई भी करवाई। उसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए 1955 में मद्रास चले गए। जहा से उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की शिक्षा ली। 1960 में APJ Abdul Kalam ने मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।

Career as a Scientist- अब्दुल कलाम भारतीय वैज्ञानिक

APJ Abdul Kalam biography in hindi

APJ Abdul Kalam Biography मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग से पढ़ाई पूरी करने के बाद कलाम ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन में वैज्ञानिक के तोर पर काम किया। वहा उन्होंने अपने करियर की सुरवात भारतीय सेना के लिए एक हेलीकाप्टर का डिज़ाइन बना के की।  लेकिन DRDO में एक सिमित काम होने की वजह से उनको ख़ुशी नहीं मिल रही थी। क्युकी DRDO में एक सिमित काम रोज रोज करना पड़ता था। और कलाम सिर्फ एक काम के लिए बंधे नहीं रहना चाहते थे। 

कुछ साल DRDO में काम करने के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित इंडियन नेशनल कमिटी फॉर स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन के सदस्य भी थे। इस दौरान उन्हें प्रसीद अंतरिक्ष वैज्ञानिक विक्रम सारा भाई के साथ काम करने का भी अवसर मिला।

1969 में कलाम साहब का तबादला भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ISRO में हो गया। यहाँ वो भारत के सॅटॅलाइट व्हीकल के निर्देशक के तोर पर नियुक्त किये गए थे। इसी परियोजना के सफल होने के परिणाम सरूप भारत का पहला उपग्रह रोहिणी पृथिवी की कक्षा में वर्ष 1980 में स्थापित हुआ। 

Turning Point in Abdul Kalam Life - Turn for Abdul Kalam Success Story

ISRO में शामिल होना कलाम के करियर का सबसे बड़ा मोड़ था। जब उन्होंने सॅटॅलाइट परियोजना पर कार्य करना आरंभ किया। तब उन्हें ऐसा लगा जैसे वह वही कार्य कर रहे है  जिसमे उनका मन लगता है मानो जैसे वह इसी कार्य के लिए बने थे।और यहाँ से उन्होंने कभी भी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। और उन्होंने एक के बाद एक मिसाइल भारत को दी। और दुनिया को दिखा दिया की हम भारतीय भी किसी से कम नहीं। और दुनिया भी भारत का लोहा मान चुकी थी। 

1963-64 के दौरान उन्होंने अमेरिका के अंतरिक्ष संगठन नासा (NASA) की भी यात्रा की। परमाणु वैज्ञानिक राजा रमना जिनकी देख रेख में भारत ने पहला परमाणु परिक्षण किया था। उन्होंने 1974 में कलाम साहब को पोखरण में परमाणु परिक्षण देखने के लिए भी बुलाया।

70 से 80 के दशक में अपने कार्य और सफलताओ से डॉक्टर कलाम भारत में बोहोत प्रसीद हुए। देश के सब से बड़े विज्ञानिको में कलाम का नाम गिना जाने लगा। उनकी बढ़ती सफलताओ को देख उस समय की प्रधानमंत्री इंद्रा गाँधी ने कलाम को बिना किसी केबिनेट बैठक के कुछ गुप्त परियोजनाओ का कार्य भार भी सोप दिया। 

भारत सरकार ने महत्वकांशी "इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम" की सुरवात डॉ. कलाम की देख रेख में किया। वह इस परियोजना के मुख्य अधिकारी थे। इस परियोजना ने देश को अग्नि और पृथ्वी जैसी कई मिसाइल दी। 

जुलाई 1992 से लेकर दिसम्बर 1999 तक डॉ कलाम प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलहाकार और रक्षा अनुसन्धान और विकास संगठन (DRDO) के सचिव थे। इसके अलावा 1998 में डॉ कलाम ने हृदय चिकित्सक सोम राजू के साथ मिलकर एक कम कीमत का कोरोनरी स्टैंड का विकास किया। और इसको कलाम राजू स्टैंड के नाम से भी जाना जाता है। 

Abdul Kalam as an Indian President

APJ Abdul Kalam Full Biography in Hindi

उनकी सफलता को देख NDA की घटबन्धन सरकार ने उन्हें 2002 में राष्ट्रपति पद का उमीदवार बनाया। जहा उन्होंने अपने प्रतिध्वंधि लक्ष्मी सेगल को भारी अंतर से हराया और 25 जुलाई 2002 को भारत के 11वे राष्ट्रीपति के रूप में शपथ ली। 

कलाम देश  के ऐसे तीसरे राष्ट्रपति थे जिन्होंने राष्ट्रपति बनने से पहले ही 1997 में भारत रतन ले लिया था। इसके अलावा उनको 1981 में पद्म भूषण और 1990 में पद्म विभूषण से नवाजा गया। कलाम के कार्य काल के दौरान उन्हें जनता का राष्ट्रपति कहा जाने लगा। 2007 तक कलाम ने अपनी जिम्मेदारी बखूभी निभाया और अपने जीवन के 5 साल देश का राष्ट्रपति बन के सेवा करि।

Abdul Kalam Life as a Teacher

दोस्तों राष्ट्रपति पद से सेवामुक्त होने के बाद डॉ कलाम शिक्षण, लेखन, मार्गदर्शन और शोधकर्ता जैसे कार्यो में जुट गए। उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान, शिलॉन्ग, भारतीय प्रबंधन संसथान, अहमदाबाद, इंदौर जैसे संस्थानों से विजिटिंग प्रोफेसर के तोर पर जुड़े रहे। 

इसके अलावा वह भारतीय विज्ञानं संसथान बैंगलोर के फेलो, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी, अन्ना यूनिवर्सिटी चेन्नई में ऐरो स्पेस इंजीनियरिंग के प्रोफेसर भी रहे।  उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संसथान हैदराबाद (Indian Institute of Technology Hydrabad) , बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी (Banaras Hindu University), और अन्ना यूनिवर्सिटी (Anna University)  में सूचना प्रोद्योगिक भी पढ़ाया। 

और 27 जुलाई 2015 को अब्दुल कलाम जी ने बच्चो के बिच दुनिया को अलविदा बोल गए। और इस प्रकार एक महान व्यक्ति देश को छोड़ भगवन को प्यारे हो गए। परन्तु उनकी यादे हमारे बिच हमेशा जिन्दा रहेगी। और इस प्रकार हमारी APJ Abdul Kalam Biography in Hindi समाप्त होती है। 

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